Tuesday, 10 July 2018

थाईलैंड में गुफा में फंसे बच्चों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव कार्य, अब तक 8 बचाए गए




नई दिल्ली: थाइलैंड के उत्तर में चियांग राई इलाके की एक गुफ़ा में 23 जून से फंसी बच्चों की एक फुटबॉल टीम के 8 बच्चों को निकालने में कामयाबी मिल गई है. रविवार को 4 बच्चों को निकाला गया था और सोमवार को भी 4 बच्चों को गुफ़ा से बाहर लाया गया है. अभी भी गुफ़ा के अंदर 4 बच्चे और कोच हैं जिन्हें निकाला जाना बाकी है और बचाव अभियान सोमवार के लिए रोक दिया गया है. रविवार को चार बच्चों को निकालने में कामयाबी मिली थी. उसके बाद खराब प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से बचाव कार्य रोकना पड़ा था. सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन का दूसरा दिन था.

थाईलैंड की गुफा में 8 बच्चे और कोच को निकलाने के लिए ये है प्लानिंग

गुफ़ा में 12 बच्चे और उनका एक कोच फंसे हुए थे और अब 5 बच्चे और कोच ही इस गुफ़ा में रह गए हैं. उनके साथ कुछ गोताखोर भी अंदर ही हैं. रविवार दोपहर बाद मौसम थोड़ा ठीक होते ही गोताखोरों की अंतरराष्ट्रीय टीम और थाइलैंड नेवी के सील कमांडो बचाव अभियान में जुट गए. 11 से 16 साल तक के ये सभी बच्चे और उनका कोच गुफा के द्वार से चार किलोमीटर अंदर एक सूखी जगह पर फंसे हुए हैं. लेकिन गुफा काफी लंबी है और उसका रास्ता ऊंचा नीचा है, ऐसे में उसमें कई जगहों पर पानी भरा हुआ है जिसकी वजह से ये ऑपरेशन काफ़ी जटिल हो गया है.

थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 में से 4 बच्चों को बाहर निकाला गया, अस्‍पताल ले जाए गए

बच्चों को मास्क पहना कर और ऑक्सीजन सिलिंडर के ज़रिए ऑक्सीजन देते हुए पानी के बीच से निकाला गया. बीच में गुफा का रास्ता काफी संकरा होने से भी दिक्कत आई. ऐसे में रविवार को अंधेरा होने तक चार ही बच्चे निकाले जा सके और फिर इस ऑपरेशन को सोमवार सुबह तक के लिए कुछ घंटे रोक दिया गया. इस अभियान में 90 लोग शामिल हैं जिनमें से 50 दूसरे देशों से आए गोताखोर और विशेषज्ञ हैं और चालीस थाईलैंड के हैं. निकाले गए चारों बच्चों को सीधे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनका चेक अप किया. 

थाईलैंड की गुफा से लड़कों को निकालने के लिए स्थिति बिल्कुल सटीक 

हालांकि, सोमवार को फिर से बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. बचावकर्ताओं का कहना है कि आगामी भारी मानसूनी बारिश से बचाव अभियान में बाधा पहुंच सकती है. इस बचाव अभियान से जुड़े स्वयंसेवियों ने इस प्रयास को 'अभी नहीं तो कभी नहीं' के रूप में उल्लेखित किया है. थाईलैंड की अंडर 16 फुटबॉल टीम के 11 से 16 साल की उम्र के 12 बच्चे और उनके 25 वर्षीय कोच 23 जून से गुफा में फंसे हुए हैं. बाढ़ग्रस्त इस गुफा में ऑक्सीजन की आपूर्ति बहुत कम है. हालांकि, गुफा में पानी मौजूद होने से बच्चे उसे पीकर अभी तक जीवित हैं. 

गुफा में जैसे ही पहुंचा कैमरा तो ये करते दिखे फंसे हुए खिलाड़ी, कही ऐसी बात
 

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सोमवार, 9 जुलाई
गुफा में फंसे अन्य लोगों को निकालने के लिए बचाव कार्य काफी तेज कर दिया गया है. हालांकि, अभी तक आगे किसी तरह की सूचना नहीं मिली है. 

रविवार, 8 जुलाई
रविवार को बचाव दल को बड़ी सफलता हाथ लगती है और चार बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाता है. हालांकि, अभी भी आठ बच्चे और उनके एक कोच गुफा में फंसे हुए हैं. 

शनिवार, 7 जुलाई
बचाव अभियान के अध्यक्ष नारोंगसाक ओसोट्टानाकोर्न कहते हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए अभी तक "उपयुक्त नहीं" है. बचाव मिशन के हेड ने कहा कि गुफा में करीब सौ गोताखोर बच्चों को निकालने के लिए उतरे हुए हैं. वहीं, बच्चों के कोच ने गुफा से एक संदेश भेजकर बच्चों के अभिभावकों से माफी मांगी. 

शुक्रवार, 6 जुलाई
बच्चों तक एयरलाइन स्थापित करने की कोशिश में जुटे एक गोताखोर की मृत्यु चैंबर से लौटने के दौरान मौत हो जाती है. समन कुनान की मौत के बाद गंभीर सवाल उठ खड़े होते हैं कि क्या सच में गुफा से बच्चों को नहीं बचाया जा सकता. 

गुरुवार, 5 जुलाई
बारिश की समस्या को देखते हुए अधिकारियों ने एक और योजना बनाई. पंछियों के घोंसले एकत्रित करने वालों के एक दल पहाड़ के ऊपर से गुफा के अंदर जाने का वैकल्पिक रास्ता तैयार करने की कोशिश करते हैं. 

बुधवार, 4 जुलाई
अधिकारियों ने कहा कि बचावकर्मी बच्चों को तैरना सिखाना शुरू किया और बच्चों को गोताखोरी के मास्क और सांस लेने के उपकरणों का प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया. वहीं, पंप से पानी निकालने का काम भी जारी रहा. 

मंगलवार, 3 जुलाई
बच्चों और उनके कोच तक खाद्य पदार्थ, दवाईयां, उच्च कैलोरी वाले जेल्स और पारासिटामोल पहुंचाए गये. 

सोमवार, 2 जुलाई 
कई दिनों के मेहनत के बाद आखिर बचावकर्मियों को सफलता हाथ लगती है. सोमवार को करीब चार सौ मीटर गुफा के भीतर पट्टाया बीच के नजदीक 12 बच्चे और उनके कोच जीवित मिलते हैं. 

रविवार, 01 जुलाई
गुफा के भीतर कुछ दूर जाने के बाद गोताखोरों ने ऑपरेटिंग बेस बनाया. उसके बाद वहां सैकडों एयर टैंक और अन्य चीजें अंदर पहुंचाए गये. 

शनिवार, 30 जून
बारिश रुकने की वजह से गोताखोर गुफा के भीतर जाने में सफल होते हैं, मगर बच्चे जहां मौजूद हैं, वहां से काफी दूर ही रह जाते हैं. 
 
शुक्रवार, 29 जून
थाईलैंड के जुनटा नेता प्रयुत चान-ओ-चा साइट पर जाते हैं. बच्चों के परिजनों का ढांढस बंधाते हैं और उन्हें उम्मीद न हारने को कहते हैं. वे परिजनों के साथ खाना बनाते हैं और मन बहलाने की कोशिश करते हैं.
     
गुरुवार, 28 जून
गुफा के भीतर बाढ़ के पानी के तेज बहाव और बारिश की वजह से बचाव अभियान को रोकना पड़ा. हालांकि, उसके बाद उसी दिन गुफा के भीतर से पानी निकालने के लिए पंप लगाए गये ताकि गुफा के उस जगह तक पहुंचा जा सके, जहां बच्चों के होने की उम्मीद थी. 

बुधवार, 27 जून
यूएस पासिफिक कमांड से अमेरिका के 30 नौसेना कर्मी, पारारेसक्यू और सर्वाइवल स्पेशलिस्ट के साथ और तीन ब्रिटिश विशेषज्ञ गोताखोर भी गुफा में पहुंचे. मगह बाढ़ के तेज बहाव की वजह से उन्हें भी पीछे की ओर हटना पड़ा.

मंगलवार, 26 जून
गोताखोर गुफा के अंदर कई किलोमीटर दूर टी-जंक्शन तक पहुंचते हैं लेकिन बाढ़ की पानी की वजह से वापस आने पर मजबूर हो जाते हैं.

सोमवार , 25 जून
सोमवार को थाई नेवी सील डाइवर्स लड़कों कों ढूंढने के लिए गुफा में प्रवेश करते हैं. वहीं, माता पिता भारी बारिश के बीच पूजा-याचना शूरू कर देते हैं. 

रविवार, 24 जून
अधिकारियों और पुलिस को कुछ हैंडप्रिंट्स  और पैरों के निशान मिलते हैं, जिसे माना जाता है कि ये लापता बच्चों के हो सकते हैं. बच्चों के रिश्तेदार गुफा के बाहर नजर रखना शुरू कर देते हैं. 


शनिवार, 23 जून
11 से 16 वर्ष की आयु के बच्चे और उनके 25 वर्षीय कोच फुटबॉल अभ्यास के बाद भारी बारिश के दौरान उत्तरी थाईलैंड में थम लुआंग गुफा में प्रवेश करते हैं. यह घटना तब सामने आती है, जब उन बच्चों में से किसी की मां बेटे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराती हैं. लोकल पुलिस गुफा के नजदीक साइकिल, जूते और फुटबॉल पाते हैं. 


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